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उन्होंने आगे लिखा, “मैं आडवाणी का वफादार हूं। मैं पार्टी में जो कुछ भी हूं, उसकी मुख्य वजह वही हैं। 2 सीटों से लेकर पार्टी आज जहां तक पहुंची है, उस वृद्धि और समृद्धि के पीछे अगर पूरी तरह से नहीं, तो अधिकतर योगदान आडवाणी जी के नेतृत्व का है।”
सिन्हा ने चेतन को हिदायत देते हुए कहा, “मेरे दोस्त चेतन! मैं आपको एक बुद्धिजीवी की तरह देखता हूं, लेकिन सलाह देता हूं कि आप छद्म बुद्धिजीवी न बनिएगा। कृपा करके आडवाणी की के करोड़ों समर्थकों को चोट न पहुंचाएं। हमें उनपर बेहद विश्वास है। आडवाणीजी और पार्टी दीर्घायु हो।”
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