वायुसेना को अगले 10 सालों में 200 से अधिक लड़ाकू विमानों की जरूरत

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। निवर्तमान वायुसेना प्रमुख अरुप राहा ने बुधवार(28 दिसंबर) को कहा कि भारत को अगले 10 सालों में करीब 200 से 250 और लड़ाकू विमानों की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि भारी युद्धक विमानों की कैटेगरी में भारत के पास पर्याप्त संख्या में सुखोई 30 विमान हैं, लेकिन मध्यम और हल्के लड़ाकू विमानों की संख्या काफी कम है।

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राहा ने कहा कि हल्का लड़ाकू विमान तेजस भी चौथी पीढ़ी का अच्छा विमान है। फ्रांस से भी केवल भारत ने केवल 36 विमानों की खरीद का सौदा किया है। उन्होंने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत और लड़ाकू विमानों को बनाए जाने की जरूरत जताई।

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उन्होंने कहा कि इस कमी को दूर करने के लिए भारत में प्रॉडक्शन बढ़ाने की जरूरत है। इस मुद्दे पर जल्द फैसला होगा और इसकी फाइल रक्षा मंत्रालय के पास है। उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना के लिए स्वीकृत स्क्वाड्रन की संख्या 42 है।

उन्होंने कहा कि लेकिन यह बस एक संख्या है। वायुसेना के पास भारी, मध्यम और हल्के लड़ाकू विमानों की पूरी क्षमता होनी चाहिए। आपको बता दें कि वायुसेना प्रमुख अरुप राहा 31 दिसंबर को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। उनकी स्थान पर लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत नए सेना प्रमुख होंगे।

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