दिल्ली टॉप तो झारखंड फ्लॉप

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केंद्र सरकार ने देश के सभी स्कूलों की स्थिति पर चर्चा करते हुए राज्यसभा में  बताया है कि मार्च 2017 तक लगभग 37 पर्सेंट से अधिक स्कूलों में बिजली के कनेक्शन नहीं पहुंचे हैं। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, चंड़ीगढ़, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप और पुडुचेरी इस लिस्ट में टॉप पर हैं, जहां के सभी 100 पर्सेंट स्कूलों में बिजली के कनेक्शन हैं। इस लिस्ट में झारखंड सबसे निचले पायदान पर है, जहां अभी तक केवल 19 पर्सेंट स्कूलों में ही बिजली पहुंची है। इस समय देश के केवल 62.81 पर्सेंट स्कूलों में हीं बिजली पहुंची है।

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मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाह ने एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशन प्लानिंग ऐंड ऐडमिनिस्ट्रेशन सालाना तौर पर शिक्षा से जुड़े आंकड़े जुटाती है। इनमें स्कूल में आधारभूत सुविधाओं की जानकारी यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन के जरिए प्राप्त की जाती है।

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उन्होंने कहा कि केंद्र राज्यों के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में बिजली के कनेक्शन मुहैया कराने में पूरी मदद कर रहा है। यह सहायता सर्वशिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान जैसे कार्यक्रमों के जरिए मुहैया कराई जा रही है। कुशवाह ने बताया कि अभी तक सर्वशिक्षा अभियान के तहत 1,87,248 प्राथमिक स्कूलों में और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 12,930 स्कूलों में बिजली के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं।

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Source: nbt