त्र्यंबकेश्वर मंदिर के पुरोहितों पर आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र ‘सामना’ के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। सामना के संपादकीय में छपे एक लेख शीर्षक ‘गर्व से कहो हम हिंदू हैं’ में सरकार को घेरते हुए सवाल पूछा है कि क्या काला पैसा हिंदुओं के पास है, देश में मुस्लिम और ईसाई भी हैं। उन पर कार्रवाई की हिम्मत किसी ने क्यों नहीं दिखाई? काला पैसा समाज और अर्थव्यवस्था को लगा दीमक ही है। उसे निकालना ही चाहिए, लेकिन पर काला पैसा बाहर निकालने के लिए सरकारी तंत्र कब किसके घर में घुस जाएगा, यह तय नहीं है। अब आयकर विभाग द्वारा यंबकेश्वर मंदिर के पुरोहितों के जनेऊ पर ही हाथ डालने से महाराष्ट्र का समस्त पुरोहित वर्ग सरकार को श्राप दे रहा होगा।
लेख में टिप्पणी करते हुए कहा गया है कि क्या काला पैसा सिर्फ मंदिर के पुरोहित के पास ही है। यह खोज करके मोदी सरकार ने खुद के धर्मनिरपेक्ष होने की भी बात जाहिर कर दी है, लेकिन जिस तरह के छापे हिंदू पुरोंहितों के घरों पर पड़े हैं, वैसे छापे ईसाई पुरोंहितों के घरों पर डालने कि हिम्मत किसी ने दिखाई नहीं।
केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश के मंदिरो मे काफी संपत्ति और सोना है। इसे हिंदुओं के सभी देवताओं को गुनहगार बताकर ‘धर्मनिरपेक्षवाद’ का झाझ बजाया जाएगा। क्योंकि ‘नोटबंदी’ के बाद जो काले धन के विरुद्ध लड़ाई शुरू हुई उसका सबसे ज्यादा फटका हिंदुओं को ही लग रहा है।