नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी पर आरोप लगाया कि वह पार्टी और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से कुछ दस्तावेज की मांग करके नेशनल हेराल्ड मामले में वह ‘फिशिंग और रोविंग जांच’ (मामले से जो जुड़ा नहीं हो) की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस के आला पदाधिकारियों ने दिल्ली की एक अदालत के समक्ष दावा किया है कि स्वामी मामले में ‘फिशिंग’ जांच का सहारा लेकर उनके खिलाफ ‘नया मामला’ बनाना चाहते हैं। सोनिया और राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दूबे और सैम पित्रोदा भी इस मामले में आरोपी हैं।
इन सभी ने कांग्रेस पार्टी और एजेएल से आयकर के रिकॉर्ड तलब करने की मांग का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ये निकाय आरोपी नहीं हैं और इसलिए उनके रिकॉर्ड का खुलासा उनकी ‘गोपनीयता’ कायम रखने के लिए नहीं किया जा सकता है और नहीं किया जाना चाहिए।
स्वामी की दलीलों का अदालत के समक्ष दाखिल सोनिया और राहुल तथा अन्य के लिखित जवाब में जोरदार विरोध किया गया। उन्होंने भारी खर्च लगाकर स्वामी की याचिका खारिज करने की मांग की।
स्वामी ने उनपर महज 50 लाख रुपये अदा करके धोखाधड़ी और कोष का घपला करने का आरोप लगाया है, जिसके जरिए यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये वसूलने का अधिकार हासिल किया, जो एजेएल का कांग्रेस पार्टी पर बकाया है। सभी आरोपियों ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन किया है।
अदालत ने सोनिया और राहुल और अन्य आरोपियों तथा कंपनी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया था और उनसे दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख चार अक्तूबर को निर्धारित की है।