बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई ने आज सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी दलील पेश की। सीबीआई ने कोर्ट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती सहित 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र का मामला चलने की मांग की। सीबीआई की ओर से पेश वकील नीरज किशन कौल ने सुप्रीम कोर्ट से साथ ही अपील की कि रायबरेली की कोर्ट में चल रहे मामले को भी लखनऊ की स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर कर ज्वाइंट ट्रायल होना चाहिए।
कौल ने शीर्ष अदालत से इलाहाबाद हाईकोर्ट के साजिश की धारा को हटाने के फैसले को रद्द करने की मांग की। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 21 मई 2010 को इस मामले में निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा था, जिसमें मस्जिद विध्वंस के आरोपी लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, राजस्थान के कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी समेत अन्य आरोपियों को निर्दोष पाया गया था।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलें सुनने के बाद केस की सुनवाई जल्द पूरी करने पर जोर देते हुए कहा कि हम इस मामले को रायबरेली से लखनऊ ट्रांसफर कर सकते है। कोर्ट ने कहा, ‘ये मामला 25 साल से लंबित पड़ा है। अब ये मामला दो साल में पूरा होना चाहिए।’ कोर्ट ने कहा, हम इस मामले में ट्रायल का जजमेंट नहीं सुना रहे सिर्फ कानूनी प्रक्रिया पर फैसला दे रहे हैं।’