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एबीपी न्यूज़ के अनुसार, इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता हाशिम अंसारी थे जिनका पिछले साल जुलाई में 95 साल की उम्र में निधन हो गया था। अब उनके बेटे इकबाल अंसारी मुकदमे के पैरोकार हैं। इकबाल कहते हैं कि समझौते की बात तो ठीक है लेकिन सबूतों के आधार पर फैसला होना चाहिए, जबकि निर्मोही अखाड़े का कहना है कि समझौते में कई अड़चने हैं।
वहीं बाबरी मस्जिद के एक और पक्षकार हाजी महबूब अली अलग मस्जिद बनाने के फॉर्मूले को एक सिरे से खारिज कर रहे हैं, जबकि विराजमान रामलला के पक्ष का कहना है कि हिंदू पक्ष भगवान की जन्मभूमि को किसी भी हालत में नहीं छोड़ेगा।
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