गौरतलब है कि मुस्लिम संगठनों के मौलवियों ने नाहिद के खिलाफ फतवा जारी करते हुए उन्हें मंच पर प्रस्तुति देने से मना किया है। उनका कहना है कि किसी भी लड़की का मंच पर प्रस्तुति देना शरिया कानूनों के खिलाफ है। इस पर आफरीन ने कहा कि ‘मैं एक गायिका हूं और संगीत मेरी जिंदगी है। अल्लाह ने मुझे अच्छी आवाज बख्शी है। इस पर भी तसलीमा ने आफरीन का समर्थन करते हुए कहा कि इस तरह से किसी भी महिला का गाना या मंच पर प्रस्तुति देना शरिया के खिलाफ नहीं है।
There is no such thing as Allah’s Islam and Mullah’s Islam. Islam is one and that is Allah’s Islam. Accept it or reject it.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) March 15, 2017
बता दें कि असम के मुख्यमंत्री सोनोवाल ने भी आफरीन का समर्थन करते हुए बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि ‘कलाकारों की आजादी लोकतंत्र का सार है। वहीं असम के कई संगठन और भारी संख्या में लोग नाहिद के समर्थन में खड़े हो गए। असम के मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल ने भी नाहिद को खतरे से जुड़ी खबरों के मद्देनजर उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया।