भारतीय टेलीविजन के संगीत के सबसे बड़े शो इंडियन आइडल के माध्यम से अपनी गायकी को दुनिया में प्रसिध्द करने का सपना लिए लाखों की तादात में प्रतिभागी सुबह से ही लाईन में लगे थे। शो के ऑडीशन का आयोजन रविवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में अलीगंज के विद्या ट्री मॉडर्न वर्ल्ड कॉलेज में किया गया था।
इंडियन आइडल ऑडीशन के लिए घंटों के इंतजार के बाद भी जब उन्हें ठीक से नहीं सुना गया तो प्रतिभागियों का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने आयोजकों पर भेदभाव व पक्षपात का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। कार्यक्रम स्थल पर जगह-जगह लगी होर्डिंग तोड़ दी। हंगामा बढ़ता देख आयोजकों ने पुलिस बुला ली। पुलिस ने लाठियां भांजकर भीड़ को तितर-बितर किया। हालांकि हंगामे के बावजूद 2700 लोगों ने ऑडीशन दिया। रियलिटी शो की लोकप्रियता के चलते भोर से ही प्रतिभागियों की कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। लखनऊ के अलावा आसपास के जिलों से भी युवा पहुंचे थे। उनके साथ अभिभावकों की उपस्थिति के चलते भीड़ काफी बढ़ गई थी। ऑडीशन विद्यालय में कई कमरों में चल रहा था।
इंडियन आइडल अॉडिशन में सुबह 11 बजे के करीब प्रतिभागियों का एक समूह विद्यालय के प्रवेश द्वार पर अचानक उग्र हो गया और हंगामा करने लगा। उन्होंने कार्यक्रम के जगह-जगह लगे होर्डिंग को जमीन पर गिराकर उसे तोड़ दिया। जगह-जगह लगे चर्चित निर्णायकों के चित्रों पर भी गुस्सा निकाला और मुर्दाबाद के नारे लगाए। हंगामे कर रहे युवकों ने बैरीकेडिंग भी तोड़ दी। हंगामे के कारण वहां पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया। हंगामा कर रहे युवकों ने चयन परीक्षा में भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कुछ संगीत संस्थानों से जुड़े लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है जबकि हमें ठीक से सुना भी नहीं गया है।
हम दूर-दराज से यहां आए हैं लेकिन हमें समूह में बुलाकर बस सुनने की खानापूरी की गई है। कई युवक-युवतियां लंबे समय से कतार में लगने के दौरान सुरक्षाकर्मियों के व्यवहार से भी नाराज थे। इस सम्बंध में जब आयोजकों से उनकी प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि जिन प्रतिभागियों का चयन नहीं हो पाता है वे हमेशा ही इस प्रकार आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा कि किन्हीं संगीत प्रशिक्षण संस्थानों को प्राथमिकता देने का आरोप सरासर गलत है।