दिलचस्प बात यह है कि लोहाणी ने बतौर सीएमडी पहली बार किसी सांसद के खिलाफ ऐसा कदम नहीं उठाया है। साल 2015 में भी सीएमडी लोहाणी ने YSR कांग्रेस के सांसद मिथुन रेड्डी के खिलाफ कार्यवाही की थी जब एमपी ने तिरुपति एयरपोर्ट पर इस एयरलाइन के स्टेशन मैनेजर को थप्पड़ मार दिया था। मैनेजर की ‘गलती’ बस इतनी थी कि बोर्डिंग गेट बंद हो गया था और नियम के अनुसार उन्होंने रेड्डी और उनके परिवार को प्लेन बोर्ड करने की अनुमति नहीं दी थी।
एयर इंडिया की शिकायत पर बाद में सांसद रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया गया था। साथ ही नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति ने भी इस पूरे मामले में लोहाणी का साथ दिया था। गायकवाड़ मामले के दौरान लिखी एक फेसबुक पोस्ट में खुद लोहाणी ने भी तिरुपति का जिक्र करते हुए लिखा कि ‘पिछले साल तिरुपति में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी जिसे हमने काफी गंभीरता से लिया था। ड्यूटी पर तैनात एयर इंडियन्स के साथ किसी भी तरह की बदसलूकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और न्याय पाने के लिए हम जो मुमकिन होगा, वो करेंगे’।
लोहाणी मध्यप्रदेश पर्यटन के आयुक्त और एमडी भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह ITDC के भी सीएमडी रहे और उस दौरान भी उन्होंने तत्कालीन पर्यटन राज्यमंत्री विनोद खन्ना को उस खाने का बिल पहुंचाया था जिसकी कीमत लाखों में थी। बताया जाता है कि यह दिल्ली के जनपथ होटल का बिल था जहां से राज्यमंत्री अपना खाना मंगवाया करते थे, लोहाणी के बिल भेजने के बाद राज्यमंत्री ने बिना किसी आपत्ति के उसका भुगतान कर दिया था।
जहां तक गायकवाड़ मामले का सवाल है तो राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से प्रतिबंध तो हटा दिया गया लेकिन लोहाणी और उनकी टीम जिस तरह नेताओं की ‘दादागिरी’ के खिलाफ आखिर तक लड़ती रही, उसकी प्रशंसा वाकई में की जानी चाहिए।