नई दिल्ली। केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका को स्वीकार करते हुए चुनाव आयोग ने गुरुवार(15 सितंबर) को घोषणा की कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को मानदेय का भुगतान किया जाएगा।
आयोग ने कहा कि ‘‘केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राज्य सशस्त्र पुलिस (एसएपी) की चुनाव की अवधि के दौरान तैनाती समग्र सुरक्षा प्रबंधन का अभिन्न हिस्सा बन गई है और स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भागीदारीपूर्ण चुनाव कराने में उनकी महत्वपूर्ण और अद्वितीय भूमिका है।’’
चुनाव आयोग ने कहा कि ‘‘चुनाव की अवधि के दौरान अक्सर दुर्गम क्षेत्रों में कई खतरों और चुनौतियों के बीच लगातार दो महीने की अवधि तक इन कर्मियों द्वारा की जाने वाली कठिन और संवेदनशील प्रकृति के कार्य को पूरी तरह स्वीकार करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि उन्हें इस विशेष कार्य के लिए मानदेय दिया जाएगा।’’ यह उपचुनाव के समय भी लागू होगा।
अधिकारी और केंद्रीय बलों के लोग चुनाव प्रक्रिया में जनता और विभिन्न हिस्सेदारों के बीच सम्मान और विश्वास का संचार करते हैं। आयोग ने बताया कि अधिकारियों के लिए मानदेय की न्यूनतम दर 2500 रुपये, कनिष्ठ अधिकारियों के लिए 2000 रुपये और अन्य कर्मचारियों के लिए 1500 रुपये किसी भी चुनावी ड्यूटी के लिए होगा। यह राशि 15 दिन या उससे कम के लिए होगी।
अगर ड्यूटी 15 दिन की अवधि को पार कर जाती है तो स्वीकृत वृद्धि तीनों श्रेणियों के लिए प्रति अतिरिक्त सप्ताह के लिए क्रमश: 1250 रुपये, 1000 रुपये और 750 रुपये होगी। हालांकि, किसी भी कर्मी का मानदेय उसके एक महीने के कुल वेतन से अधिक नहीं होगा।
लोकसभा चुनाव के मामले में मानदेय का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि विधानसभा चुनाव के मामले में इसका खर्च संबद्ध राज्य सरकारें वहन करेंगी। एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने पर केंद्र और राज्य सरकारें 50-50 फीसदी खर्च वहन करेंगी।
आयोग ने कहा कि ‘‘यह आदेश और मानदेय की दर आने वाले चुनावों से लागू होगी और पूर्व प्रभाव से लागू नहीं होगी।’’