पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी कांग्रेस नेता विरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली वित्तीय मामलों की स्थाई संसदीय कमेटी के सदस्य हैं। कमेटी नोटबंदी के फैसले और उससे पड़ने वाले असर की जांच कर रही है। साथ ही कमेटी इसकी भी जांच कर रही है कि कैश की किल्लत को खत्म करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्या कदम उठाए।
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने का ऐलान आठ नवंबर 2016 को किया था। इसके साथ ही बैंक और एटीएम से कैश निकालने की भी एक सीमा तय कर दी गई थी। इससे लोगों को कैश की काफी दिक्कत हुई। कई विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस नोटबंदी के फैसले का विरोध किया। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी के इस फैसले से भारत की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ेगा। साथ ही फैसले की तैयारी पर भी सवाल उठाए गए थे।