नोटबंदी के बाद से कई ऐसे राज्य है, जहां लाखों की संख्या में पैसे बरामद हुए और वह पैसे भी नई करेंसी के रूप में मिले। इसी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए देश के बड़े बैंकों में से एक की ग्रामीण इलाकों की ब्रांच में एक शख्स पिछले महीने ग्राहक बनकर पहुंचा। वह 5 लाख रुपये के पुराने नोट के बदले नए नोट चाहता था और इसके लिए वह 50 प्रतिशत कमीशन देने को तैयार था। एक बैंक एंप्लॉयी उससे डील करने को तैयार हो गया, लेकिन उसे पता नहीं था कि बैंक ने उसके जैसे एंप्लॉयी से छुटकारा पाने के लिए खुद ही यह जाल बुना था।
मल्टिनैशनल सहित निजी क्षेत्र के बैंक ऐसे बेइमान एंप्लॉयीज को रोकने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद उनके पास ऐसी कई शिकायतें आई थीं। इन बैंकों ने ऐसे मामलों और गलत कर्मचारियों को पकड़ने के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स को ग्राहक बनाकर भेजा। वे कर्मचारियों के दूसरे वेरिफिकेशन के साथ इसका भी पता लगा रहे हैं कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला तो दर्ज नहीं है।
बैंक कर्मचारियों के इस खेल की खबर आने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कई जगहों पर छापे मारे थे, जिनमें बड़ी मात्रा में नए नोट पकड़े गए थे। बैंकों की ब्रांच और कर्मचारियों के यहां भी छापे मारे गए थे। इसमें कई बैंक कर्मचारियों को गिरफ्तार और उसके बाद उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने बताया, ‘बैंक जाल बिछा रहे थे और वे अपने ही कर्मचारियों के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन कर रहे थे।