हालही में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक खबर वायरल हुई। जिसके बाद हर कोई शिमला के रहने वाले सरबजीत सिंह की तारीफ करता नज़र आया। दरअसल दावा है कि प्लेन में सैनिक भूखे थे। लंच महंगा था तो सरबजीत ने अपने पैसों से सैनिकों को लंच कराया। ये कहानी सोशल मीडिया पर पहुंची तो लोग सरबजीत के मुरीद हो गए। जिसके बाद यही खबर कई समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों की सुर्खियां बन गई। बिना जांच पड़ताल किए मीडिया ने इस खबर को हवा दी लेकिन अफसोस कि ये खबर झूठी साबित हुई। एबीपी न्यूज़ का दावा है कि उनकी टीम ने इस खबर की पूरी पड़ताल की। जिसमें हकीकत ये निकली कि ऐसा कोई वाकया हुआ ही नहीं था।
सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी इस कहानी ने सबका ध्यान खींचा। सरबजीत सिंह बॉबी रातों-रात हीरो बन गए। लेकिन सवाल ये है कि वायरल कहानी सच्ची है भी या नहीं। दरअसल ये पूरा वाक्या सरबजीत सिंह बॉबी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था जो वायरल हो गया और इसे 20 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया और हजारों लोगों ने शेयर भी किया।
पहले पढ़ें कैसे गढ़ी गई झूठी कहानी फिर पढ़िए क्या है सच्चाई
बॉबी फ्लाइट से दिल्ली आ रहे थे। और अपनी सीट पर बैठे किताब के पन्ने पलट रहे थे तभी उन्होंने देखा कि उनके आसपास बैठे भारतीय सेना के जवान आकर बैठने लगे। सरबजीत ने उनसे बातचीत की। एक घंटे बाद फ्लाइट में एनाउंसमेंट हुआ कि लंच आपके खर्चे पर उपलब्ध है। सरबजीत ने पास बैठे सैनिकों को कहते सुना कि क्या तुम लोग लंच खरीद रहे हो? तो दूसरे ने कहा बहुत महंगा है मैं दिल्ली पहुंचने का इंतजार करूंगा।
इसके बाद बॉबी ने दूसरे सैनिकों की तरफ देखा कोई लंच नहीं ले रहा था। बॉबी सीट से उठकर प्लेन के पिछले हिस्से की तरफ चल दिए और फ्लाइट अटेंडेंट को इतने पैसे दिए कि वो वहां बैठे सैनिकों को लंच मिल जाए। इसके बाद विमान में मौजूद लोग बॉबी की इस कोशिश का हिस्सा बनने लगे।
किसी ने बॉबी से आकर हाथ मिलाया तो कोई बिना कुछ कहे उनकी जेब में पैसे रखकर वहां से चल दिया। कहानी के मुताबिक भारतीय सेना के जवान विशेष ट्रेनिंग के लिए आगरा जा रहे थे।
एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में सामने आई सच्चाई
इस कहानी का सच जानने के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम शिमला के रहने वाले सरबजीत सिंह बॉबी के पास पहुंचे और उनसे इस पूरी कहानी का सच पूछा।
एबीपी न्यूज ने भारतीय सेना के अधिकारियों से ये जानने की कोशिश की क्या किसी स्पेशल ट्रेनिंग के लिए भेजी जा रही सेना की टुकड़ी को आम नागरिकों के साथ ही विमान में भेजा जाता है। पड़ताल में पता चला कि सेना अपनी टुकड़ी को इस तरह नहीं भेजती उनके लिए अलग विमान होते हैं अलग व्यवस्था होती है।
यानी किसी विमान में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। शिमला के सरबजीत सिंह बॉबी ने ये किस्सा कहीं पढ़ा और उसे जस का तस फेसबुक पर लिख दिया। लेकिन ये कहानी सच नहीं हो सकती क्योंकि सेना की टुकड़ी अगर किसी ट्रेनिंग के लिए कहीं जाती है तो उसे आम नागरिकों के साथ नहीं भेजा जाता।