देश को आजाद हुए 70 साल हो गए है, लेकिन आज भी दलितों पर भीषण अत्यचार किया जाता है। आज भी समाज दलितों को घृणित निगाहों से देखता है। गुजरात में दलित परिवार की पिटाई के बाद दलित आंदोलन की अगुआई करके चमके जिगनेश मेवानी ने ऊना में दलित पर हुए अत्याचार के विरोध में कर्नाटक के उडुप्पी में एक कार्यक्रम किया। जिसमें हजारों दलितों ने भाग लिया था। खबर है कि कार्यक्रम के बाद आरएसएस ने मंदिर में शुध्दिकरण कराया।
दरअसल कर्नाटक के उडुप्पी में स्थित कृष्ण मंदिर में रविवार को आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता और पेजावर मठ के स्वामी की ओर से शुद्धिकरण का काम किया गया। गौरतलब है कि कुछ दलितों ने 9 अक्टूबर को उडुप्पी मंदिर में बराबरी के अधिकार को लेकर ‘उडुप्पी चलो रैली’ का आयोजन किया था। इस पर दलितों ने इसका विरोध करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने कुछ दिन पहले यहां रैली की थी, जिस कारण आरएसएस की ओर से यह साफ सफाई की जा रही है।
रैली में बेंगलुरु से लेकर उडुप्पी तक के हजारों दलितों ने भाग लिया था। जिसके बाद आरएसएस लीडर और युवा ब्रिगेड के हेड चक्रवर्ती सुलीबेले ने मंदिर और शहर की सड़कों के शुद्धिकरण समारोह का आयोजन किया है।
संघ परिवार की युवा बिग्रेड का कहना था कि यहां कृष्ण मंदिरों के आसपास दलितों की जनसभा के बाद ये परिसर अशुद्ध हो गया था। इस वजह से यहां शुद्धिकरण समारोह आयोजित किया गया। मंदिरों के शहर उडुप्पी में इस जनसभा का आयोजन किया गया था।
जनसत्ता की खबर के अनुसार, यह शुद्धिकरण समारोह का आयोजन विश्वेश्वा तीर्थ की ओर से आयोजित किया गया था। पेजावर मठ के 86 साल के शंकराचार्य ने ये शुद्धिकरण किया। रिपोर्ट के अनुसार तीर्थ सेलेकर सड़क की झाडू से सफाई की गई।