इस बीच झारखंड में रांची म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की कार्रवाई के बाद शहर में अधिकतर मीट की दुकानें बंद रहीं।
यूपी में अवैध बूचड़खानों पर हो रही कार्रवाई का राजस्थान के भैंस विक्रेताओं पर काफी बुरा असर पड़ा है। यहां मीट कारोबार से जुड़े लोग जानवरों को दूसरे राज्य में ले जाने से डर रहे हैं। भुट्टो खान पिछले पांच दिन से बेकार बैठे हैं। वह कहते हैं, ‘एक हफ्ते पहले तक अलीगढ़ को राजस्थान से तीन से पांच हजार भैंसें मिलती थीं। यहां भैंसों की गुणवत्ता काफी अच्छी होने की वजह से निर्यातक यहां से भैंसें एक्सपोर्ट करते थे, लेकिन अब जानवरों को ले जाने वाले ट्रांसपोर्टर्स बहुत डरे हुए हैं।’ उन्होंने बताया कि अगर यह सब एक हफ्ता और चला तो हिंदू और मुस्लिम दोनों ही विक्रेता आर्थिक संकट का सामना करेंगे।
उधर इस मामले में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से मिलने वाले ऑल इंडिया मीट एक्सपोर्टर्स असोसिएशन और ऑल इंडिया जमाइतुल कुरैश यूपी को आश्वस्त किया गया कि सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पक्षपातपूर्ण नहीं है। इस प्रतिनिधि मंडल ने जल्दी लाइसेंस डिलिवर करने की मांग की। मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, ‘हम पूर्वाग्रहों के चलते किसी जाति, वर्ग या धार्मिक समूह के खिलाफ काम नहीं कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम आपको बताना चाहते हैं कि ‘हम सबका साथ सबका विकास’ में विश्वास रखते हैं, यानी (इस विचार से) कोई भी किसी तरह से बाहर नहीं है।’ उधर, ऑल इंडिया जमाइतुल कुरैश यूपी के नैशनल प्रेजिडेंट सिराउद्दीन कुरैशी ने मंत्री को बताया कि इस कार्रवाई से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं।