कश्मीर सीमा पर पाकिस्तान के साथ बार्टर सिस्टम (अदला-बदली) के जरिए व्यापार से देश की सुरक्षा को खतरा होने की आशंका है क्योंकि हथियारों और अन्य अवैध वस्तुओं की जांच कर सकने वाले कंटेनर स्कैनर्स की खरीद अधर में लटकी है। इस व्यापार की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी कर रही है। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि डिफेंस, फाइनेंस और होम मिनिस्ट्री के बीच स्कैनर्स की खरीदारी को लेकर सहमति नहीं बन सकी है।
NIA जांच कर रही है कि कहीं इस रास्ते का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए सीमापार से हथियारों और नकदी को भेजने के लिए तो नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा आइटम्स का गलत डेक्लरेशन देने, तीसरे देशों के गुड्स के इंपोर्ट और गलत मूल्यांकन की भी जांच की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि हाल के समय में कश्मीर में हिंसा बढ़ने के मद्देनजर इस मुद्दे को विभिन्न स्तरों पर उठाया गया है।
भारत और पाकिस्तान ने 2008 में विश्वास बहाल करने के उपायों के तहत जम्मू और कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर चुनिंदा वस्तुओं के ड्यूटी-फ्री ट्रेड की अनुमति दी थी। इसके लिए सलामाबाद और चक्कन-दा-बाग में दो ट्रेड फसिलिटेशन सेंटर (TFC) बनाए गए थे। हालांकि, यह ट्रेड कश्मीर क्षेत्र में बनने वाली वस्तुओं और उत्पादों और बार्टर (अदला-बदली) तक सीमित था। शुरुआत में इन आइटम्स में टेक्सटाइल, फल, शॉल और दुपट्टा शामिल थे। बाद में इनमें मेवों और कुछ अन्य वस्तुओं को भी शामिल किया गया था।