मोबाइल पर वीडियो देखने वाले इमाम के पीछे नमाज पढ़ना नाजायज

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प्रतीकात्मक तस्वीर, साभार

मरकजी दारुल इफ्ता दरगाह आला हजरत के सदर एवं जानशीन मुफ्ती आजम मुफ्ती अख्तर रजा खां अजहरी मियां ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मोबाइल में किसी जानदार की तस्वीर देखने और डाउनलोड करने वाले इमाम के पीछे नमाज नहीं होगी। अगर उसका यह अमल साबित हो तो उसे इमाम बनाना ही नाजायज और गुनाह का सबब होगा। कुछ वाट्सएप ग्रुप में मैसेज चल रहा है कि रमजान के आखिरी जुमे को महज चार रकअत नमाज अदा कर ले तो चाहे 700 साल की नमाज भी कजा हुई हो, यह एक नमाज काफी है। इस बारे में जानशीन मुफ्ती आजम से जमात रजा-ए-मुस्तफा के नायब सदर सलमान मियां ने सही स्थिति मालूम की। जवाब मिला कि यह हदीस का मजमून नहीं है। न ही ऐसी हदीस मेरी नजर से गुजरी है। ऐसे मैसेज को भेजना और फारवर्ड करना हराम है।

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