आमतौर पर मैरिटल लाइफ में दिक्कतों का सामना कर रहे कपल मैरेज थेरपिस्ट्स की सेवाएं लेते हैं, लेकिन अब तो अपने एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर को लेकर भी लोग थेरपिस्ट्स के पास जाने लगे हैं। थेरपिस्ट्स के मुताबिक इस तरह के कपल्स की संख्या पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। थेरपिस्ट्स का कहना है कि उनके पास उन कपल्स का आना तेजी से बढ़ रहा है जो उस महिला या पुरुष के साथ आ रहे हैं जिनके साथ उनका एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर है।
चेन्नै की मनोचिकित्सक लक्ष्मी विजयकुमार बताती हैं कि उनके पास हर दो सप्ताह में कम से कम एक एक्स्ट्रा मैरिटल वाला कपल जरूर आता है। विजय कुमार कहती हैं, ‘मैं आम तौर पर देखती हूं कि इस तरह के कपल आईटी या बीपीओ सेक्टर में काम करने वाले होते हैं, जिनका वर्कप्लेस पर अफेयर शुरू होता है। आमतौर पर उनके थेरपिस्ट के पास जाने के पीछे मुख्य वजह यह होती है कि उनमें से एक पार्टनर यह चाहता है कि अफेयर सिर्फ फिजिकल रिलेशन तक सीमित रहे, जबकि दूसरे पार्टनर का अफेयर से भावनात्मक जुड़ाव होता है।’
दिल्ली के क्लिनिकल साइकॉलजिस्ट पुलकित शर्मा कहते हैं कि इस तरह के रिश्ते हमेशा रोमांचित करते हैं लेकिन आज के जेंडरसेंसिटाइज्ड सोसाइटी में महिला और पुरुष अपनी जरूरतों को लेकर पहले से ज्यादा मुखर हुए हैं।