टीम इंडिया के मुख्य कोच के पद से अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंडुलकर की अगुआई वाली सीएसी के सामने अब नया कोच चुनने की चुनौती है। कई क्रिकेटर नए कोच की दौड़ में हैं, लेकिन पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर ने वीरेंद्र सहवाग को इस पद के लिए सबसे मुफीद बताया है। एनडीटीवी से बातचीत में वाडेकर ने कहा, खेल के प्रति उनका रवैया आक्रामक है, जो भारत के लिए अच्छा रहेगा। वाडेकर ने कहा, मैं अब भी अनिल कुंबले को इस पद पर चाहता हूं। हमें पिछले एक साल में भारतीय टीम का प्रदर्शन देखना चाहिए। आंकड़े खुद जवाब देते हैं। कुंबले के कार्यकाल में भारत का एक साल में वर्चस्व रहा है। हमें उसका इज्जत करनी चाहिए। जब पूछा गया कि कुंबले का उत्तराधिकारी कौन हो सकता है तो उन्होंने वीरेंद्र सहवाग का नाम लिया।
वाडेकर ने कहा, जब मैं टीम इंडिया का कोच था तो उसमें कुंबले भी था। वह पढ़ा-लिखा, विनम्र और अपने खेल के लिए पागल था। वह सिर्फ एक चीज पर फोकस करता था-जीत। मैं उसके इस्तीफे पर हैरान हूं। उन्होंने तारीफ में कहा, मैंने उसे एक खास गेंद की प्रैक्टिस को लेकर पसीना बहाते देखा है। उसे हर खेल में परफेक्शन चाहिए। वाडेकर ने कहा, महानता और विनम्रता एक साथ चलती चाहिए। लेकिन विराट के मामले में यह एक दम उलटा है। उसे खुशी होनी चाहिए कि अनिल कुंबले उसके कोच हैं। अगर आप अनुशासित हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप अच्छे कोच नहीं हैं। विराट को जल्द पता चलेगा कि उसने क्या गलती की है। वाडेकर ने कहा, मैं कोहली से पूछना चाहता हूं कि एक साल में वह अपना मत कैसे बदल सकता है। भारत शानदार प्रदर्शन कर रहा था तो उसने एेसा क्यों किया। वाडेकर ने इसे बचकाना हरकत बताया है।
अनिल कुंबले ने मंगलवार को टीम इंडिया के मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि विराट कोहली को उनका कोचिंग स्टाइल पसंद नहीं है। वाडेकर पहले एेसे कप्तान थे, जिन्होंने भारत को पहली बार विदेशों में ( 1971 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड) जीत दिलाई थी। उन्होंने भारत की ओर से 37 टेस्ट खेले हैं, जिसमें 31.07 की औसत से 2,113 रन बनाए हैं। 76 साल के वाडेकर ने टीम इंडिया को 1992-1996 तक कोचिंग भी दी थी।