बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा, ‘किसी को भी इस विभाग (चयन मसलों) को लेकर अनैतिक और अवांछनीय टिप्पणियां करने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि उन पर अध्यक्ष बनने के लिए भरोसा किया गया, क्योंकि उन्होंने पर्याप्त क्रिकेट खेली है। उनके साथ चार अन्य चयनकर्ता थे, उन्होंने कुछ नहीं कहा। उन्हें भी इससे बचना चाहिए था।
पाटिल के साथ साथ 4 अन्य चयनकर्ताओं का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इन पदों के लिए BCCI ने आवेदन मंगवाए थे पर अब एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाले पांच सदस्यीय पैनल की नियुक्ति पर भी सवाल उठने लगे क्योंकि इन सभी ने मिलकर केवल 13 टेस्ट और 31 वनडे खेले हैं। ठाकुर ने नियुक्तियों का बचाव करते हुए कहा है कि प्रसाद और अन्य को इसलिए नियुक्त किया गया क्योंकि उन्होंने पद के लिये आवेदन किया था जबकि कई अन्य पूर्व क्रिकेटरों ने हितों के टकराव के डर से आवेदन नहीं किया था।
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