उन्होंने कहा, ‘लोग बीसीसीआई में आने से बच रहे हैं। पूर्व क्रिकेटर जो अकादमी चलाते हैं या राज्य संघों में जिनकी कोई भूमिका है वे हितों केटकराव के कारण इसके योग्य नहीं थे। यदि कोई क्रिकेटर संन्यास लेने के बाद क्रिकेट के खेल में योगदान नहीं दे सकता है तो वह और क्या करेगा।’ ठाकुर ने कहा कि बीसीसीआई के कामकाज में बहुत अधिक हस्तक्षेप से पूर्व क्रिकेटर चयनकर्ता बनने के प्रति हतोत्साहित हुए और वे अन्य भूमिकाएं भी नहीं लेना चाह रहे हैं। पांच सदस्यीय चयन पैनल के बारे में उन्होंने कहा कि अधिकतर आवेदनकर्ता ऐसा चाहते थे जबकि लोढ़ा समिति ने तीन चयनकर्ताओं की सिफारिश की है।
बोर्ड प्रमुख ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि 99.9 प्रतिशत (आवेदनकर्ताओं) ने कहा कि वे कम से कम पांच सदस्यीय चयन पैनल चाहते हैं। भारत इतना बड़ा देश है आप तीन चयनकर्ताओं से अपने पद के प्रति न्याय की उम्मीद कैसे कर सकते हो। इनकी संख्या कम से कम पांच होनी चाहिए।’































































