नहीं दौड़ेगा मिल्खा सिंह का रिकॉर्ड तोड़ने वाला धर्मबीर सिंह

0
धर्मबीर सिंह
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

मिल्खा सिंह का रिकॉर्ड तोड़कर देश का नाम रोशन करने वाले धर्मबीर सिंह अब नही दौड़ पाएगें दरअसल बात यह है कि नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी ने धर्मबीर सिंह पर 8 साल का बैन लगा दिया है।

धर्मबीर ने 200 मीटर रेस के लिए रियो ओलिंपिक में क्वालिफाई किया था, इसके बाद वे डोप टेस्ट में फेल हो गए थे। देश को 36 साल बाद 200 मीटर दौड़ में पहली बार धर्मबीर ने ओलंपिक टिकट दिलाया था और उन्हें रियो में जमैका के उसैन बोल्ट के साथ दौड़ना था। ओलिंपिक में इस 200 मी. में भाग लेने वाले आखिरी भारतीय तमिलनाडु़ के पेरूमल सुब्रह्मण्यम थे, जिन्होंने 1980 के खेलों में हिस्सा लिया था।

इसे भी पढ़िए :  पाकिस्तानी क्रिकेटर अजहर अली की धमाकेदार बल्लेबाजी, वेस्टइंडीज के खिलाफ जड़े तिहरा शतक

1989 में रोहतक के गांव अजायब धर्मबीर के पिता श्रद्धानंद एक किसान हैं। घर की हालत इतनी खराब है कि परिवार का बस पेट भर सकता है। इन्हीं, मुश्किल हालातों में धर्मबीर सिंह ने 2001 में दौड़ना शुरू किया और दौड़ता चला गया। धर्मबीर कभी LIC की पॉलिसी बेचकर गुजारा करते थे और ट्रेनिंग का खर्च निकालते थे। इसके लिए उन्हें महीने के 16 हजार रुपए मिलते थे। हालांकि यह भी उनके लिए कम पड़ता था, क्योंकि उनके ट्रेनिंग पर हर महीने लगभग 40 हजार रुपए खर्च होते थे।

इसे भी पढ़िए :  ओलंपिक मेडल जीतने के लिए चीन में इस दर्द से गुजरते हैं बच्चे...

वहीं, धर्मबीर के ब्लड सैंपल पॉजिटिव पाए जाने पर परिवार का कहना है कि हमने इस दिन के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। अब बेटा ऐसे मुकाम पर पहुंचकर चूक नहीं कर सकता। धर्मबीर ने सबसे पहले कबड्डी खेलना शुरु किया था। इसके बाद उन्होंने हाई जंप भी ट्राई किया। जब कबड्डी और हाई जंप में बात नहीं बनी तो उन्होंने रनिंग में हाथ अजमाने का फैसला किया। 2006 में धर्मबीर की मुलाकात रमेश सिंधू से एक कॉलेज स्पोर्ट्स मीट के दौरान हुई थी। उन्होंने धर्मबीर के टैलेंट को पहचाना और उनको ट्रेनिंग देने का फैसला किया।

इसे भी पढ़िए :  190 रनों पर सिमटी न्यूजीलैंड की पारी, भारत को जीत के लिए चाहिए 191 रन

अगले पेज में पढ़िए आगे की खबर-

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse