प्राकृतिक आपदा से प्रभावित संवेदनशील गांवों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार ने कवायद तेज कर दी। सरकार ने ऐसे 450 से अधिक गांवों को तीन श्रेणी में बांटा है। साथ ही, प्रथम चरण में अत्यधिक संवेदनशील श्रेणी में चयनित 73 गांवों के पुनर्वास का निर्णय लिया है।
दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक इस कड़ी में सभी जिला प्रशासन को उक्त गांवों का भूगर्भीय अध्ययन करने के बाद एक वरीयता सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल, बागेश्वर के दो व चमोली जिले का एक गांव वरीयता सूची में शामिल किए गए हैं।
भूकंप, अतिवृष्टि, बाढ़ व भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा की घटनाओं के कारण प्रदेश के 450 से अधिक गांव संवेदनशील स्थिति में आ चुके हैं। राज्य सरकार ने इन गांवों को पुनर्वास के लिए चिह्नित तो कर लिया, मगर वित्तीय संसाधनों के अभाव में सरकार की यह मुहिम पिछले कई वर्षों से आगे नहीं बढ़ पा रही है।
राज्य सरकार की ओर से खतरे की जद में आए इन गांवों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार से 1300 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की, मगर केंद्र सरकार से इन बाबत अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।
ऐसे में राज्य सरकार ने उक्त गांवों को तीन श्रेणियों संवेदनशील, अति संवेदनशील व अत्यधिक संवेदनशील में बांटा है। साथ ही, प्रथम चरण में अत्यधिक संवेदनशील श्रेणी के गांवों के पुनर्वास करने का निर्णय लिया है।
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