आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) युवाओं में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए औसतन हर 30 मिनट में चार वीडियो इंटरनेट पर अपलोड करता है। महाराष्ट्र की आतंकवाद निरोधक शाखा (एटीएस) के सूत्रों ने मिड डे अखबार को ये जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार आईएस महाराष्ट्र समेत देश के 13 राज्यों में घुसपैठ कर चुका है। एटीएस संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधियों की लगातार निगरानी कर रही है और पुख्ता सबूत मिलने पर उन्हें बंद करा रही है। पिछले कुछ समय ने केरल और पश्चिम बंगाल से कुछ युवकों को आईएस से संपर्क रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एजेंसी ने इस साल अब तक आईएस से जुड़े 356 वीडियो क्लिप को ब्लॉक कराया है। एटीएस ने आतकंवाद को बढ़ावा देने वाले कई लेखों को भी इंटरनेट से हटवाया है इनमें से ज्यादातर लेख आईएस से जुड़े हुए थे। एटीएस अधिकारी के अनुसार “युवाओं में आईएस के विचार फैलने से रोकने के लिए इन वीडियो और लेखों को हटवाया गया है।”
महाराष्ट्र एटीएस ने पिछले साल आतंकवाद से जुड़ी 94 वेबसाइटों को बंद करवाया था। बंद करवायी गई ज्यादातर वेबसाइटों पर आतंकवादी संगठनों के नेता और प्रचारक हिंसा को बढ़ावा देने वाले भाषण और लेख अपलोड करते थे। एटीएस के अनुसार हाल ही में पकड़े गए आईएस का परभानी गुट ट्विटर, टेलीग्राम, स्काइप और चैटसिक्योर जैसे इंटरनेट फोरम का इस्तेमाल करता था। इस समूह को सीरिया स्थित आतंकवादी फारूक़ ने आईएस से जोड़ा था। पिछले साल आईएस द्वारा जारी की गई एक ई-बुक भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गई थी। इस ई-बुक में आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने और बम बनाने के बारे में विस्तारसे जानकारी दी गई थी। देश के दूसरे राज्यों की सुरक्षा एजेंसियां भी इंटरनेट पर आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली सामग्रियों की लगातार निगरानी कर रही हैं।