चीनी सेना अपने तीन लाख सैनिकों को निकालने जा रही है। इसके साथ ही सेना के आधुनिकीकरण के लिए बड़े स्तर पर बदलावों के तहत सोवियत के जमाने के कमांड मॉड्यूल को बंद किया जाएगा और हार्इटेक हथियारों जैसे स्टील्थ फाइटर विमान और एंटी सैटेलाइट मिसाइल को ज्यादा जगह दी जाएगी। इसी बीच चीनी सेना ने सुरक्षा बलों में बदलावों को लेकर ऑनलाइन पर फैलाए जा रही अफवाहों पर दुश्मन तत्वों को शुक्रवार को चेतावनी दी। सेना ने माना कि कुछ अफवाहों से नुकसान हुआ है। सेना के जवानों में कटौती का फैसला ऐसे समय में आया है जब चीन विकास दर में कमी से जूझ रहा है। इस कटौती की वजह चीन की धीमी आर्थिक रफ्तार को बताया गया। मंगलवार को पूर्व में हटाए गए हजारों सैनिकों ने बीजिंग में प्रदर्शन किया था।
पीपल्स लिबरेशन आर्मी के अधिकारियों ने बताया कि बदलावों को लेकर चल रही अफवाहों का सोशल मीडिया पर जोर है और तथाकथित एक्सपर्ट आधारहीन कहानियां फैला रहे हैं। इनमें कहा जा रहा है कि हटाए गए सैनिकों को मिलने वाले फायदों में कमी की जाएगी। इस तरह की कहानियों से कई सैनिकों का ध्यान बंटा है। कुछ सैनिक इससे चिंतित है और इससे उनके काम पर भी असर पड़ा है। चीनी सेना के अखबार के अनुसार सैनिक इस तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दें। वे केवल आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी पर ही भरोसा करें। हालांकि इस लेख में अफवाह फैलाने वाले तत्वों को नाम नहीं बताया गया है। सरकार लगातार कह रही है कि हटाए गए सैनिकों का ध्यान रखा जाएगा।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जून में कहा था कि इन सैनिकों दूसरा काम दिया जाएगा। गौरतलब है कि सेना में कटौती का फैसला पिछले साल सितम्बर में लिया गया था। उस समय राष्ट्रपति ने कहा था कि सैनिकों की संख्या में कमी की जाएगी। चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है जिसमें 23 लाख जवान है।