महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच वनडे की सीरीज में उतरेगी। विराट कोहली की कप्तानी में टेस्ट में 3-0 से कीवी टीम का सफाया होने के बाद धोनी पर वनडे में इसी तरह के प्रदर्शन का दबाव होगा। धोनी की कप्तानी में हाल के दिनों में भारत का प्रदर्शन अपेक्षानुसार नहीं रहा है। धोनी भी इस बात को जानते हैं। शनिवार को उनके बयान ने इसी ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि वे कोहली से इस बारे में मैदान पर सलाह लेने लगे हैं। उन्होंने कहा, ”मैं कोहली से पहले से ही सलाह लेने लगा हूं। यदि आप किसी मैच को देखेंगे तो आपको लगेगा कि मैं उससे ज्यादा बात करता हूं क्योंकि किसी बात को लेकर दो लोगों के बयान अलग तरह के होंगे।” गौरतलब है कि धोनी ने दिसंबर 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इसके बाद से वे केवल वनडे और टी20 ही खेलते हैं।
भारत को वर्ल्ड कप जीता चुके कप्तान ने कहा, ”2004 में मेरे डेब्यू के बाद से काफी चीजें बदल गई हैं। जिस तरह से क्रिकेट खेला जाता था वह भी बदल गया। भारतीय टीम में अभी जिस तरह के खिलाड़ी आ रहे हैं वे हमारे समय के खिलाडि़यों से अलग हैं। मेरा रोल लगभग एक जैसा ही है। आप केवल समय के साथ बदल सकते हैं और मैं वहीं कर रहा हूं।” धोनी हाल के दिनों में मेंटर के रोल में हैं। वे युवा खिलाडि़यों को परिस्थितियों के हिसाब से खेलने को प्रेरित करते हैं। इस बारे में उन्होंने कहा, ”आपको लगातार प्रदर्शन करने वाले लोगों को तलाशना होता है। क्रिकेट में फिनिशिंग सबसे मुश्किल कामों में से एक है। एक खिलाड़ी छह महीने या सालभर में फिनिशर नहीं बन सकता। एक समय में किसी खिलाड़ी ने उस जिम्मेदारी को कैसे निभाया है वह सब ध्यान रखना होता है।”
भारतीय कप्तान ने आगे कहा, ”व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि फिनिशर वह होता है जो 5वें या 6ठे स्थान पर खेलता है। इस स्थान पर आकर खेलना और उस जगह को भर पाना मुश्किल है क्योंकि कई बार ऐसा समय भी होता है जब आपको खेलने का मौका ही नहीं मिलता है। हां, हमने इस काम के लिए कुछ चेहरों को चुना है लेकिन मैं इन नामों को हम तक ही रखना चाहूंगा। कारण यह है कि किसी खिलाड़ी पर बेवजह का दबाव नहीं बनाना चाहते।”