रियो डि जिनेरियो :भाषा: अभिनव बिंद्रा को छोड़कर भारत की 12 सदस्यीय निशानेबाजी टीम का कोई सदस्य प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाया जिससे रियो ओलंपिक में निशानेबाजी में भारत की झोली खाली रही।बीजिंग खेलों के स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा पुरूष 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कांस्य पदक के शूट आफ में मामूली अंतर से चूक गए जिससे उन्हें ओलंपिक में अपने दूसरे पदक से महरूम रहना पड़ा।भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा शूट आफ में उक्रेन के सेरही कुलीश से पिछड़ गए। दोनों निशानेबाजों का 16 शाट के बाद स्कोर 163 . 8 था।अपने पांचवें और अंतिम ओलंपिक में खेल रहे बिंद्रा शूटिंग रेंज में भारत के एकमात्र चमकते सितारे रहे।
हीना सिद्धू, मानवजीत सिंह संधू, गगन नारंग, जीतू राय और अपूर्वी चंदेला जैसे निशानेबाज बुरी तरह नाकाम रहे और देश को निराश किया।राष्ट्रीय निशानेबाजी संस्था एनआरएआई के अब लचर प्रदर्शन के कारणों पर विचार करने की उम्मीद है क्योंकि पिछले तीन ओलंपिक में भारत के लिए पदक जुटाने के बाद निशानेबाज रियो से खाली हाथ लौटे जबकि इस बार भारत के सबसे अधिक निशानेबाजों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था।एथेंस 2004 में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने रजत पदक जीता था जबकि बिंद्रा ने बीजिंग 2008 में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। लंदन 2012 ओलंपिक में विजय कुमार ने रजत जबकि नारंग ने कांस्य पदक जीता। रियो में हालांकि अधिकांश प्रतिभागी अपनी स्पर्धाओं के फाइनल में भी जगह नहीं बना सके।
कल निशानेबाजी की अंतिम स्पर्धा में चैन सिंह और नारंग पुरूष 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन के फाइनल में जगह बनाने में असफल रहे जिससे भारत के निराशाजनक अभियान का समापन हुआ।चार साल पहले लंदन में कांस्य पदक जीतने वाले नारंग तीन स्पर्धाओं में उतरे लेकिन किसी के भी फाइनल में नहीं पहुंचे।पिस्टल निशानेबाज हीना सिद्धू ने सबसे अधिक निराश किया और वह अपनी दो स्पर्धाओं में से किसी के फाइनल में नहीं पहुंच पाई।पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहे अपूर्वी, आयोनिका पाल और चैन सिंह ने भी मायूस किया।
पदक के प्रबल दावेदार जीतू राय अपनी पसंदीदा स्पर्धा पुरूष 50 मीटर पिस्टल के फाइनल में जगह बनाने के विफल रहे जबकि इससे कुछ दिन पहले 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में वह आठवें स्थान पर रहे थे।