नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित लोढ़ा समिति ने बुधवार(24 अगस्त) को इस बात से इनकार किया कि उसने क्रिकेट चयनकर्ताओं को नैतिक रूप से ‘‘भ्रष्ट और तिरस्कार योग्य’’ लोग बताया था और कहा कि उसके तरफ से इस तरह की कोई कोशिश नहीं की गई।
गौरतलब है कि मीडिया के एक वर्ग में ऐसी खबरें आयी थीं कि समिति ने चयनकर्ताओं पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं। बीसीसीआई के सचिव अजय शिर्क के हवाले से मीडिया के एक वर्ग ने अपनी खबरों में कहा था कि लोढ़ा समिति के एक सदस्य ने आरोप लगाए हैं कि क्रिकेट चयनकर्ता खिलाड़ियों का चयन करते समय ‘‘सेक्सुअल फेवर’’ लेते हैं।
समिति ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि ‘‘यह दोहराया जाता है कि राष्ट्रीय चयनकर्ताओं या राज्य चयनकर्ताओं या पदाधिकारियों के संबंध में कोई आरोप नहीं लगाए गए। चयनकर्ताओं को ‘भ्रष्ट एवं तिरस्कार योग्य’ लोगों के तौर पेश करने की कोई कोशिश नहीं की गयी।’’