दिल्ली
लिएंडर पेस के पूर्व जोड़ीदार महेश भूपति ने आज कहा कि इस शीर्ष युगल खिलाड़ी और रियो ओलंपिक में उनके जोड़ीदार रोहन बोपन्ना ने इस खेल महाकुंभ की पुरूष युगल स्पर्धा में खुद को पदक की दौड़ में बनाने का मौका देने के लिये एक साथ अभ्यास नहीं किया और न ही एक साथ खेले।
भूपति ने यहां खार जिमखाना में कहा, ‘‘पुरूष युगल टीम निश्चित रूप से पूरी तरह से तैयार नहीं थी, बल्कि कोई तैयारी ही नहीं थी – इसके लिये यही सही शब्द होगा। उन्होंने अभ्यास नहीं किया, एक साथ कोई मैच नहीं खेले। यहां तक कि लिएंडर और मैं 2004 और 2008 एथेंस और बीजिंग ओलंपिक खेल में दौरे पर नहीं खेल रहे थे, हम एक साथ आते और एक साथ कुछ टूर्नामेंट खेलते थे। ओलंपिक से पहले खिलाड़ी से इसी की जरूरत होती है। ’’ सातवां ओलंपिक खेल चुके पेस और बोपन्ना रियो ओलंपिक में पहले ही दौर में बाहर हो गये थे।
भूपति यहां 11इवन स्पोर्ट्स इंटर स्कूल्स महाराष्ट्र टेबल टेनिस टूर्नामेंट के मुख्य अतिथि थे, उन्होंने कहा, ‘‘हमने एटीपी टूर पर 300 मैच जीते, लेकिन हमने फिर भी ऐसा करने के प्रयास किये। इस बार उन्होंने प्रयास ही नहीं किया। निश्चित रूप से कोरिया की कमजोर डेविस कप टीम के खिलाफ एक युगल मैच ओलंपिक की तैयारी का तरीका नहीं है। ’’
भूपति ने कहा, ‘‘ पदक तो युगल में आना ही नहीं था। हमारा सबसे बढ़िया मौका मिश्रित युगल में था लेकिन दुर्भाग्य से हम काफी करीब आ भी गये लेकिन पदक नहीं जीत सके। ’’ 42 साल के भूपति ने ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में तीन पुरूष युगल और चार मिश्रित युगल खिताब अपने नाम किये हैं। वह बोपन्ना और सानिया मिर्जा को सेमीफाइनल में मिली हार का जिक्र कर रहे थे। भारतीय मिश्रित टीम ने कांस्य पदक के प्ले आफ में भी बाहर हो गयी थी।
यह पूछने पर कि क्या वह खेलों से पहले और कोर्ट पर उतरने से पहले भारतीय युगल टीम के इर्द गिर्द चल रही विवादास्पद बातों से निराश थे। तो उन्होंने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि चीजें आगे नहीं बढ़ी।
भूपति ने कहा, ‘‘हर किसी को उम्मीद थी। हर कोई तब तक चुप था, तब तक ये सामने नहीं आयीं थीं। मैं खुश हूं कि बात का बतंगड़ नहीं बना। ’’