बीसीसीआई में सुधारों को लेकर चल रही सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपना अंतरिम फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा था की आप बीसीसीआई पदाधिकारियों से शुक्रवार तक निर्देश ले कर आएं और बताएं की लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें आप पूरी तरह मान रहे हैं या नहीं वरना हम समिति के कहे मुताबिक राज्य क्रिकेट संघों को जारी होने फंड पर रोक लगाने का आदेश देंगे।
सुप्रीम कोर्ट मौजूदा अधिकारियों को हटाकर नई व्यवस्था को लागू करने का आदेश दे सकता है। यदि शुक्रवार सुबह बोर्ड की तरफ से लोढ़ा समिति की सभी सिफारिशों पर अमल का लिखित आश्वासन दिया जाता है, तब जरूर उसे सुप्रीम कोर्ट के कहर से निजात मिल सकती है। ऐसे में ये देखना बेहद दिलचस्प होगा की बीसीसीआई का अगला कदम क्या होगा।
कुछ दिनों पहले लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई के रूटीन खर्च के अलावा बाकी के खर्च पर रोक लगाकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड को रास्ते पर लाने की कोशिश की। लेकिन बीसीसीआई ने इस पर बयानबाजी कर कोर्ट को नाराज किया था। दरअसल लोढ़ा और बीसीसीआई के बीच शुरुआत से ही टकराव रहा है। बीसीसीआई ने पूरी तरीके से न तो लोढ़ा पैनल के सुझावों को माना है न ही इनकी मदद की है। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये के चलते इन सिफारियों को क्रिकेट बोर्ड पर जबरदस्ती मनवाने जैसी बात सामने आ गई है।