भारतीय क्रिकेट में सुधार के लिए बनी लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के दबाव के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पवार ने शनिवार को इस्तीफ़ा दिया। लोढ़ा समिति की एक अहम सिफारिश के अनुसार अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष पद को संभालने वाला व्यक्ति 70 साल से अधिक उम्र का नहीं होना चाहिए।
आईसीसी और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष पवार बीसीसीआई प्रशासकों में एक बड़ा नाम है और उन्होंने लोढ़ा पैनल द्वारा बताये गये 70 साल के आयु संबंधित नियम का पालन करते हुए अपना पद छोड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस सोच से आहत है, जिसमें वे समझते हैं कि लोग बीसीसीआई में इसलिये बने हुए हैं क्योंकि यह लुभावना पद है। उन्होंने संघ की आपात प्रबंध समिति बैठक के दौरान अपना इस्तीफा सौंपा।
राकांपा सुप्रीमो ने एमसीए को इस्तीफा देने वाले पत्र में कहा, “उच्चतम न्यायालय ने एक फैसला लिया है कि 70 साल के उम्र के अधिकारियों को क्रिकेट संस्थाओं में बरकरार नहीं रहना चाहिए। यह फैसला मेरे ऊपर भी लागू होता है। इसलिये मैं एमसीए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं और मैं आपसे (सचिव) से इसे स्वीकार करने का आग्रह करता हूं।” एमसीए प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव पीवी शेट्टी ने कहा कि समिति जल्द ही बैठक करेगी और फैसला करेगी कि इसे स्वीकार किया जाये या नहीं। समिति के एक अन्य सदस्य विनोद देशपांडे ने पवार द्वारा सौंपे गये पत्र को मीडिया में पढ़कर सुनाया। पवार एमसीए अध्यक्ष पद में अपनी दूसरी पारी खेल रहे थे, उन्हें पिछले साल दो साल के कार्यकाल के लिये चुना गया था। वह 2001-02 और 2010-11 के बीच एमसीए अध्यक्ष रह चुके हैं।