ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने रविवार (20 नवंबर) को अपना पहला सुपर सिरीज़ खिताब जीता। फाइनल मुकाबल में सिंधु ने चीन की सुन यू को शिकस्त दी। पीवी सिंधु ने पहला सेट 21-11 से जीता, हालांकि दूसरे सेट में चीनी खिलाड़ी ने वापसी करते हुए मुकाबला 21-17 से अपने नाम किया। आखिरी सेट में सिंधु औऱ सुन यू के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला, लेकिन दबाव में भारतीय शटलर ने जबर्दस्त वापसी करते हुए 21-11 से मुकाबला जीत लिया। यह लगातार तीसरा साल है जब इस टूर्नामेंट के फाइनल में कोई भारतीय महिला खिलाड़ी पहुंची हैं। साल 2014 में साइना नेहवाल ने यहां खिताब जीता था लेकिन 2015 में उन्हें ली जुरुक्सई के हाथों हार झेलनी पड़ी थी।
सातवीं वरीय सिंधू ने पहला सेट गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए छठी वरीय जी ह्युन को एक घंटे और 24 मिनट चले मुकाबले में 11-21 23-21 21-19 से हराया। जी ह्युन के खिलाफ नौ मैचों में सिंधू की यह छठी जीत है। सिंधू की शुरुआत काफी खराब रही और पहले गेम में वह विरोधी खिलाड़ी का कोई टक्कर नहीं दे पाई। जी ह्युन ने 5-1 की बढ़त बनाई और फिर इसमें लगातार इजाफा करते हुए पहला गेम आसानी से जीत लिया। सातवीं वरीय सिंधू ने पहला सेट गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए छठी वरीय जी ह्युन को एक घंटे और 24 मिनट चले मुकाबले में 11-21 23-21 21-19 से हराया। जी ह्युन के खिलाफ नौ मैचों में सिंधु की यह छठी जीत थी।
भारतीय खिलाड़ी ने दूसरे गेम में वापसी की कोशिश की। एक समय 7-7 पर स्कोर बराबर था लेकिन कोरियाई खिलाड़ी ने 11-7 की बढ़त बना ली। सिंधू ने स्कोर बराबर किया लेकिन जी ह्युन ने 20-17 के स्कोर पर तीन मैच प्वॉइंट हासिल किए। सिंधू ने तीनों मैच प्वॉइंट बचाए। उन्हें गेम प्वॉइंट मिला लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा सकी। सिंधू ने हालांकि इसके बाद एक और गेम प्वॉइंट हासिल किया और फिर स्मैश के साथ दूसरा गेम जीत लिया। निर्णायक गेम में सिंधू की शुरुआत खराब रही। वह 3-7 से पिछड़ी लेकिन 10-9 की बढ़त हासिल करने में सफल रही। सिंधू ने इसके बाद स्कोर 20-18 तक पहुंचाया। जी ह्युन ने एक मैच प्वॉइंट बचाया लेकिन सिंधू ने शानदार क्रॉस कोर्ट स्मैश के साथ गेम और मैच जीत लिया।