BCCI को सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी- जस्टिस लोढ़ा की मानें, अन्यथा हम आदेश देंगे

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सुनवाई के दौरान अदालत ने जब बीसीसीआई के मौजूदा शीर्ष पदाधिकारियों की योग्यता पर सवाल उठाया तो बीसीसीआई के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अनुराग ठाकुर गंभीर क्रिकेटर रहे हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश ठाकुर ने कहा, “यहां हम सब क्रिकेटर हैं। मैं भी सुप्रीम कोर्ट की टीम का कप्तान था।”

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई द्वारा राज्य क्रिकेट संघों को एक दिन में 400 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने पर भी सवाल उठाया। इस पर बीसीसीआई के वकील ने अदालत को बताया कि मामला 2015-16 का है जब स्‍टार और सोनी ने मुआवजा दिया था, जिसे राज्य क्रिकेट संघों को दिया जाना था।

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बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई में सुधार के लिए लोढ़ा समिति का गठन किया था। लोढ़ा समिति ने अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई में कई बदलावों का सुझाव दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करने के मामले पर सुनवाई करते हुए बीसीसीआई को लताड़ लगाई थी। जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा था, “बीसीसीआई को लगता है कि वो खुद कानून है। हमें पता है कि आदेश पालन कैसे करवाया जाता है। बीसीसीआई को लगता है कि वो भगवान है। आप (बीसीसीआई) या तो बात मानें या हम मनवा लेंगे। बीसीसीआई का बरताव काफी खराब है।” हालांकि बीसीसीआई ने 1 अक्टूबर को हुई अपनी आम सभा में उच्चतम न्यायालय के आदेश की पूरी तरह से अनदेखी करते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने शनिवार (1 अक्टूबर) को एक राज्य एक वोट, 70 वर्ष की आयु सीमा, कार्यकाल के बीच में तीन साल का ब्रेक जैसी लोढ़ा समिति की अहम सिफारिशों को खारिज कर दिया।

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