बेहतर कल के लिए एक नई शुरुआत, अहमदाबाद में शुरु की गई पहली वायु प्रदूषण प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली

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पूर्व चेतावनी प्रणाली ‘रिस्पांस योजना’ के रुप में लोगों को अत्यधिक प्रदूषित दिनों के संबंध में जानकारी देगा। जबकि चिकित्सा पेशेवरों को वायु-प्रदूषण में आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। 55 लाख से अधिक लोगों की आबादी वाले इस शहर में आठ स्थानों (बोगल, सैटेलाइट, पिराना, रायखद, नवरंगपुरा, राखील, चंदखेड़ा और हवाई अड्डे) पर मॉनिटर लगाए गए हैं। एक्यूआई स्लाइडिंग स्केल पर एक मीट्रिक है, जो लोगों को हवा की गुणवत्ता और निकटतम स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में बताता है। यह विभिन्न प्रदूषकों के जटिल वायु गुणवत्ता वाले आंकड़े को एकल संख्या (सूचकांक मूल्य) देता है। परिभाषित करता है और रंग के जरिये उसकी स्थिति बताता है।

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Source: India Spend

डब्ल्यूएचओ 2014 के परिवेश वायु प्रदूषण डाटाबेस के मुताबिक, पीएम 2.5 के संदर्भ में भारत के पांच सबसे प्रदूषित शहरों में से एक अहमदाबाद है।
 

पीएम-2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) ये ऐसे कण हैं जिसका साइज 2.5 माइक्रोग्राम से भी कम होता है। ये कण आसानी से नाक और मुंह के जरिए शरीर के अंदर तक पहुंच कर लोगों को बीमार बना सकते हैं। यह मनुष्य के बाल से भी 30 गुना ज्यादा महीन हो सकता है। इससे दिल के दौरे, स्ट्रोक, फेफड़े के कैंसर और सांस की बीमारी होने का खतरा बढ़ता है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा उत्पन्न करने के लिए जाने जाते हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य जोखिम के स्तर को मापने के लिए पीएम-2.5 सबसे सटीक पैमाना है।

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अधिक वायु प्रदूषण वाले क्षेत्र में अधिक समय तक रहने से समय से पहले ही मृत्यु हो सकती है और असंगत निगरानी के कारण वायु प्रदूषण से उत्पन्न खतरे का आकलन करना अक्सर कठिन होता है।
 

इस एआईआर योजना में कई संस्थानों की भागीदारी है। यह योजना अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ (आईआईपीएच), गांधीनगर की संस्था नेचुरल रिसोर्स डिफेंस कांउसिल (न्यूयॉर्क में एक गैर-मुनाफे वाला मुख्यालय), इंडियन इंस्यीय्यूय ऑफ ट्रापिकल मीटीअरालजी विज्ञान (सरकारी संस्थान) और द इंडियन मीटीऑरलाजिकल डिपार्टमेंट्स सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) नेटवर्क के बीच सहयोगात्मक प्रयास का नतीजा है।

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वायु प्रदूषण के मामले में ‘निगरानी और चेतावनी प्रणाली’ भारत में पहली बार आजमाया जा रहा है। यह बीजिंग में इससे पहले सफल हो चुका है।

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