बिहार में एक और डिग्री घोटाला, एमफिल के नाम पर 3000 छात्रों से ठगे 9 करोड़ रुपये

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

राजभवन के आदेश पर ललन सिंह से पहले स्पष्टीकरण मांगा गया था। बाद में घोटाला उगाजर होने पर उसे निलंबित कर दिया गया लेकिन अभी भी उसे यूनिवर्सिटी के कई अफसर बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसकी बानगी 25 जनवरी 2017 को दिखा, यानि जिस दिन ललन सिंह को निलंबित किया गया उस दिन वो कुलपति के साथ न सिर्फ मौजूद रहा बल्कि पदाधिकारी की हैसियत से एक बड़े भवन का शिलान्यास करते दिखा।

इसे भी पढ़िए :  मायावती का आरोप : वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी से जीती BJP, बटन कोई भी दबा लेकिन वोट कमल को मिला

फर्जीवाड़े का शिकार हुए शोधार्थियों के मुताबिक शिकायत करने वाले छात्र-छात्राओं को ललन की तरफ से धमकी दी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक उच्च शिक्षा में माफियागिरी करने वाले ललन सिंह के रसूख काफी उंचे हैं। उसकी पहचान बड़े-बड़े लोगों से हैं। शायद यही कारण है कि खुद उसके विभाग यानि दूरस्थ शिक्षा के निदेशक शिवजी सिंह भी उसकी करतूतों से जान-बूझकर अनजान बने रहे।

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी में बीजेपी के नेता ने डांसर्स पर लुटाए इतने नोट कि बीनते-बीनते घटों लग गए, देखें वीडियो
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse