गौरतलब है कि आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के लिए कथित तौर पर काम करने वाली इशरत जहां का गुजरात में एनकाउंटर कर दिया गया था। इस एनकाउंटर को कुछ लोगों ने फर्जी करार दिया और कई सालों से इस मामले की जांच जारी है। देश की आईबी इशरत जहां को आतंकी बता चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार के हलफनामे में बदलाव की बात भी सामने आई। इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर अभी भी जारी है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार पर यह आरोप लगा कि उन्होंने इशरत जहां को बिहार की बेटी कहा था। हालांकि इसी साल फरवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साफ कहा कि उन्होंने इशरत को कभी भी बिहार की बेटी नहीं कहा और सफाई दी कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।
क्योंकि वर्तमान में बिहार में जेडीयू और लालू प्रसाद यादव की आरजेडी की गठबंधन सरकार है। जिस वजह से आरोप है कि शहाबुद्दीन की रिहाई के लिए रास्ता आसान करने की नीयत से बिहार सरकार ने एक मामले में जांच समय पर पूरी नहीं की और न ही समय पर चार्जशीट दायर की।
जिस राज्य के CM के लीये इशरत जहाँ बेटी के समान हो वहाँ शहाबुद्दीन का खुला घुमना तो आम बात है !
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) September 15, 2016































































