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दरअसल हाईकोर्ट ने यह फैसला एक कैदी महिला की गुहार पर सुनाया है। मुंबई की भायखला जेल में बंद एक महिला चार महीने से गर्भवती है और उसका पहले से ही पांच महीने का एक बच्चा भी है। उसने परेशानी जेल दौरे पर आई सत्र न्यायालय की महिला जज एएस शेंडे को बताई थी। शेंडे ने जेल रिकॉर्ड देखे तो पता चला कि जेल के मेडिकल ऑफिसर ने भी उसे गर्भपात कराने का सुझाव दिया था। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे जेजे अस्पताल भेजा भी था। मगर अस्पताल ने कोई निर्णय नहीं लिया।
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