मुंबई, महाराष्ट्र सरकार को मुंबई हाई कोर्ट का आदेश है की वो मुर्गों की लड़ाई पर जल्द से जल्द रोक लगाए और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करे। कोर्ट का मानना है कि ये एक अपराध है। और ऐसा करना जानवरों को सतानेे के बराबर है। ये एक गैर कानूनी प्रक्रिया है और इसके खिलाफ तेज़ और सख्त कार्यवाई होनी चाहिए। जस्टिस केमकर और जस्टिस करणिक की पीठ ने पशु क्रूरता के खिलाफ ये आदेश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में मुर्गों की लड़ाई के खिलाफ कानून पारित होना चाहिए तथा इस बात का खयाल रखा जाना चाहिए की पशु क्रूरता न हो। पीठ ने एन जी जयसिम्हा की जनहित याचिका पर रुख किया और इसका निस्तारण करते हुए कहा की उनका उल्हासनगर के पास मुर्गों की लड़ाई को लेकर कोर्ट का रुख करना एक सरहनीय प्रक्रिया है। याचिका में इस बात पर बल दिया गया था की लोगों को पशु क्रूरता के खिलाफ जाग्रत किया जाना चाहिए जिससे पशु प्रेम की भावना बढ़ सके।