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सुनकर आप भी हैरान होंगे मगर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे की वजह यह है कि जब रितेश अपनी मां के गर्भ में था तब उसके साथ ही एक जुड़वां भ्रूण विकसित हुआ मगर किसी कारण वश उसका विकास नहीं हो पाया और गर्भ में पल रहे रितेश के भ्रूण ने अपने साथी भ्रूण पर कब्जा कर लिया। लिहाजा जन्म के दौरान ही यह परजीवी के तौर पर रितेश के पेट में आ गया हालांकि इस हकीकत से बच्चे के मां-बाप अब भी अनभिज्ञ हैं और परिवारवालों का कहना है कि जब डॉक्टरों ने यह बात उन्हें बताई तब जाकर उन्हें पता चला।
बच्चे के पिता वीरेंद्र ने बताया कि चिकित्सा विज्ञान में ऐसे कई रहस्य हैं, जो आमतौर पर इंसान की सोच से परे होते हैं, मगर जब ऐसी घटनाएं सामने आती हैं तब आखिरकार इन बातों की हकीकत और विश्वसनीयता का पता चलता है।
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