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पुलिस ने किशोरी का बयान लिया तब डरकर उसने सच्चाई उगल दी और पिता पर एक साल से दुष्कर्म करने का आरोप लगाया, लेकिन दो दिन बाद पुलिस ने उसको कोर्ट में पेश कर धारा-164 के तहत बयान दर्ज कराया तो वह बयान से पलट गई। उसने कहा कि वह सहेली के साथ घूमने जाना चाह रही थी। पिता के रोकने पर सबक सिखाने के लिए उसने गलत इल्जाम लगाया। कोर्ट रूम में दिल्ली महिला आयोग की टीम ने किशोरी की काउंसिलिंग की और उसे बताया गया कि वह सच्चाई बोलेगी तो उसके पिता तुरंत जेल से बाहर आ जाएंगे तो उसने सच्चाई उगल दी। पुलिस का कहना है कि अपने ही महिलाओं के भरोसे को तोड़ रहे हैं। राजधानी में पिछले साल दुष्कर्म के जो 2095 मामले दर्ज हुए उनमें महज साढ़े तीन फीसद ही अंजान व्यक्ति द्वारा अंजाम दिए गए हैं।
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