
चाइल्ड केयर सेंटर में रहने के दौरान पुलिसवालों को कुछ सबूत मिले कि यह वह बच्ची हो सकती है जो कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से लापता हुई है। इसके बाद पालमपुर पुलिस ने इस बच्ची की सूचना गाजियाबाद पुलिस को दी। गाजियाबाद पुलिस ने जांच के बाद पाया कि यह शक्ति खंड से लापता हुई आर्ची ही है। बच्ची से जब पूछा गया कि वह इतनी दूर तक अकेले कैसे आई तो उसने पुलिस को बताया कि वह खुद ही रेल से सफर कर हरिद्वार के अनाथालय के अन्य लोगों के साथ वहां पहुंची थी। एसएचओ सिंह ने बताया कि बच्ची कई सवालों का जवाब नहीं दे रही है और जो उससे पूछा जा रहा है वह उसका गलत जवाब दे रही है।
वहीं इसी बीच जैसे ही आर्ची के घरवालों को उसके मिल जाने की खबर मिली तो वे पुलिस थाने पहुंचे और गाजियाबाद पुलिस का धन्यवाद करने लगे कि आपने हमारी बेटी को ढूंढ निकाला। वहीं बच्ची के बार-बार हरिद्वार के किसी अनाथालय की बात सुनकर परिजनों का कहना है कि पहले कभी ऐसा हुआ कि वो अनाथालय गई हो और वह मानसिक रुप से कमजोर भी नहीं है। उनका कहना है कि वह बहुत ही होशियार लड़की है और हमेशा परीक्षा में 85 प्रतिशत नम्बर लाती है। हिप्नोटाइज करने के सवाल पर पालमपुर के चाइल्ड केयर सेंटर में आर्ची की काउंसलर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि बच्ची को हिप्नोटाइज़ किया गया है।































































