आरक्षण मामले पर हाईकोर्ट के फैैसले को चुनौती देगी गुजरात सरकार

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गुजरात सरकार ने आज (गुरुवार) कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। गौर हो कि गुजरात हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण वाले अध्यादेश को रद्द कर दिया है। वहीं पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने फैसले का स्वागत करते हुए ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण आंदोलन को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।

स्वास्थ्य मंत्री और गुजरात सरकार के प्रवक्ता नितिन पटेल ने कहा कि वे ईबीसी आरक्षण के प्रावधानों का पालन करेंगे और हाईकोर्ट के फैसले को यथाशीघ्र सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। पटेल ने कहा कि जब हमने दस फीसदी ईबीसी आरक्षण की घोषणा की तो हमारी सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा था कि ईबीसी आरक्षण के इन प्रावधानों का हम किसी भी स्थिति में पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि हम हाईकोर्ट के आज (गुरुवार) के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।

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वहीं हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए हार्दिक पटेल ने कहा है कि अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा था कि ईबीसी आरक्षण असंवैधानिक है। हम आदेश का स्वागत करते हैं, क्योंकि हम हमेशा संविधान के तहत आरक्षण चाहते हैं। उदयपुर, राजस्थान से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पटेल ने कहा कि इसलिए न्याय मिलने तक ओबीसी आरक्षण के तहत हम आरक्षण के लिए आंदोलन जारी रखेंगे। आपको बता दे कि देशद्रोह के मामले में पिछले महीने जमानत मिलने के बाद हाईकोर्ट ने उन्हें छह महीने गुजरात से बाहर रहने का निर्देश दिया था।

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गौरतलब है कि आरक्षण की मांग को लेकर गुजरात में आंदोलन कर रहा पाटीदार समुदाय भी सामान्य वर्ग में आता है। सरकार पाटीदारों को ध्यान में रखते हुए आरक्षण का फैसला लिया था। मगर गुजरात में पहले से ही 50 फीसदी आरक्षण एससी, एसटी और ओबीसी को मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 50 फीसदी तक आरक्षण तय कर चुका है।

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