Use your ← → (arrow) keys to browse
कन्हैया व अन्य नौ छात्रों ने जेएनयू में 9 फरवरी के विवादास्पद मामले में अपीलीय प्राधिकरण के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें अनुशासनहीनता में दोषी ठहराया गया है। जेएनयू में 9 फरवरी को आयोजित कार्यक्रम में देशविरोधी नारे लगने की घटना हुई थी। कार्यक्रम की मंजूरी जेएनयू प्रशासन ने नहीं दी थी। कन्हैया की अधिवक्ता रेबेका जॉन ने कहा था कि प्राधिकरण का फैसला पूरी तरह गलत है। जेएनयू के अधिवक्ता ने कहा था कि प्राधिकरण ने छात्रों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार किया था और उनको पक्ष रखने मौका प्रदान किया गया है।
Use your ← → (arrow) keys to browse