उम्मीदवारों को परीक्षा से पहले बताया गया था कि प्रश्न पत्र में 20 सवाल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से होंगे, वहीं क्रिकेट से अलग अंतरराष्ट्रीय व घरेलू खेलों, देश, राज्य और सामान्य ज्ञान से जुड़े 5-5 सवाल किए जाएंगे। लेकिन परीक्षार्थियों को अंदाजा नहीं था कि उनसे पुराणशास्त्र राजनीति, इतिहास और यहां तक कि वामपंथी दर्शनशास्र से जुड़े सवाल भी किए जाएंगे, जिससे पता लगाया जा सके कि वह क्रिकेट एसोसिएशन के मेंबर बनने लायक हैं या नहीं।
एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अमिताभ चौधरी ने कहा, “किसी भी स्टेट एसोसिएशन ने इस तरह की पहल (नॉन क्रिकेटर्स को चुनना) नहीं कराई गई। लोगों के उत्साह से हम काफी खुश हैं। जल्द ही एक मैनेजिंग कमेटी मीटिंग बुलाई जाएगी और तय किया जाएगा कि किसे JSCA का मेंबर चुना जाए।” दरअसल यह लिखित परीक्षा नॉन क्रिकेटर्स को JSCA से जोड़ने के उद्देश्य से कराई गई एक पहल थी, जिसका फैसला लोढ़ा कमेटी की हाल में आए निर्देशों के मद्देनजर लिया गया था। बता दें कि लोढ़ा कमेटी ने निर्देश दिए हैं कि BCCI और इसकी राज्य यूनिट्स को चलाने के लिए ज्यादा पारदर्शिता लाई जाए।