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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को फतेहपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार को भेदभाव से मुक्त होकर शासन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए। रमजान में बिजली मिलती है तो दीवाली में भी मिलनी चाहिए। होली में बिजली मिलती है तो ईद पर भी मिलनी चाहिए। कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। सरकार का काम है भेदभाव मुक्त शासन चलाने का। किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए … धर्म और जाति के आधार पर बिल्कुल नहीं।’ पीएम मोदी के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी उनकी आलोचना हुई थी। लोगों ने लिखा था कि सांप्रदायिक राजनीति में उनकी घर वापसी है।
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