हालांकि सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अमर सिंह के रहते हुए आजम के लिए मुलायम खेमे में जाना मुश्किल है, लेकिन मुलायम ने खुद आजम से बात करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि वह आजम को खुद ही मनाएंगे। एसपी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि इस सिलसिले में जल्द ही आजम और मुलायम की मुलाकात हो सकती है और उन्हें सीएम का चेहरा घोषित किया जा सकता है। आजम खान कई बार कह चुके हैं कि मुलायम ही सही मायने में मुसलमानों के रहनुमा हैं और यूपी में सांप्रदायिक ताकतों को वही सत्ता से दूर रख सकते हैं।
आजम खान, मुलायम और अखिलेश के बीच सुलह कराने के लिए मध्यस्थ भी बने, लेकिन उनकी कोशिशों का कोई नतीजा नहीं निकला। फिलहाल अब सबकी निगाहें चुनाव आयोग के समाजवादी पार्टी से जुड़े फैसले पर हैं। आयोग के फैसले के बाद ही इस बारे में औपचारिक ऐलान हो सकता है। आजम खान समाजवादी पार्टी में एक बड़ा मुस्लिम चेहरा हैं। यही वजह है कि मुलायम खेमा उन्हें अपना मुख्यमंत्री चेहरा बनाकर 19 फीसदी मुस्लिम वोट अपने पाले में करने की फिराक में है।
पार्टी से जुड़े कई अल्पसंख्यक संगठन भी मुस्लिम मुख्यमंत्री चेहरा उतारने की मांग कर चुके हैं। विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिये मायावती ने 100 से ज्यादा मुसलमानों को टिकट दिया है। अब मायावती के इस दांव को काटने के लिए और अखिलेश को सबक सिखाने के इरादे से मुलायम यह दांव आजमा सकते हैं।































































