बैंक से यह भी पता लगा कि राम किशन ने वन रैंक वन पेंशन लागू होने से पहले अप्रैल में 21,927 रुपए निकाले थे। वहीं पिछले महीने उन्होंने 22,608 रुपए निकाले थे। जसवंत के मुताबिक, उसके पिता कहते थे कि अगर वन रैंक वन पेंशन को ठीक से लागू किया जाता तो उनकी पेंशन 30 हजार रुपए हो जाती। SBI के ब्रांच मैनेजर राम सिंह ने कहा कि अप्रैल के बाद से राम किशन को 22,608 रुपए दिए जा रहे थे। बैंक ने कहा कि उनकी तरफ से किसी तरह की कोई गलती नहीं हुई थी। राम सिंह ने कहा, ‘अप्रैल के बाद से उन्हें सही रकम दी जा रही थी ऐसे में गलत कैल्कूलेशन का मतलब ही नहीं होता। इसके अलावा उन्होंने मौखिक या लिखित रूप से हम लोगों के पास कोई शिकायत दर्ज ही नहीं करवाई।’
राम सिंह ने आगे बताया कि पेंशन कितनी दी जानी है इसका हिसाब पेंशन पेमेंट ऑर्डर्स (पीपीओ) द्वारा रखा जाता है और वह नियोक्ता द्वारा केन्द्रीकृत प्रसंस्करण प्रकोष्ठ पेंशन को भेजी जाती है। राम सिंह ने कहा कि बैंक ने सी के हिसाब से पेंशन तैयार की थी।































































