बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के एक बयान ने उन्हें ही मुश्किल में डाल दिया। उन्होंने अपने विधायकों की मांग का समर्थन करते हुए कहा की उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनना चाहिए, लेकिन थोड़ी ही देर बाद राबड़ी देवी को अपने ही बयान पर सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा नीतीश ही मुख्यमंत्री हैं और वही रहेंगे। यह सफाई देने की सबसे बड़ी वजह यह थी कि राबड़ी को जल्द ही यह अहसास हो गया था कि इससे गठबंधन की किरकिरी होगी। साथ ही जेडीयू और कांग्रेस इस मुद्दे पर काफी आक्रामक हो गए थे। उन्हें लगने लगा कि इस मुद्दे पर वह अलग-थलग पड़ गई हैं।
बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा परिसर में पत्रकारों ने तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनाने की आरजेडी विधायकों और कार्यकर्ताओं की मांग पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘अगर जनता चाहेगी, तो तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेंगे। लोकतंत्र में जनता ही मालिक है।’
इधर, राबड़ी के बयान पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई ‘वैकेंसी’ नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को बोलने का अधिकार है। महागठबंधन के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं।
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