गौरतलब है कि मुलायम परिवार में दरार चरम पर है। रविवार को अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया। उनके साथ ही चार और मंत्रियों की भी छुट्टी कर दी। उन्होंने सपा में मतभेदों के लिए अमर सिंह पर दोष मढ़ा। अखिलेश ने कहा कि अमर सिंह के करीबी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद मुलायम सिंह ने रामगोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया। वे राज्या सभा सांसद भी हैं। रामगोपाल अखिलेश यादव के समर्थक थे और मुलायम के चचेरे भाई हैं। उन्होंने अखिलेश के समर्थन में एक खत भी लिखा था। राम गोपाल ने पत्र में लिखा, ‘राष्ट्रीय विरोधियों के गले में फांस है, इस फांस को और शाप करना है। अखिलेश का विरोध करने वाले विधान सभा का मुंह नहीं देख पाएंगे। जहां अखिलेश वहां विजय।’
वहीं शिवपाल ने मंत्री पद से हटाए जाने के बाद नाम लिए बिना रामगोपाल यादव पर हमला बोला। उन्हों ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पार्टी के ही एक बड़े नेता की चाल के शिकार हो गए हैं, जिसे वो समझ नहीं सके और ऐसा कदम उठा लिया। उनका इशारा रामगोपाल यादव की ओर था। शिवपाल ने रामगोपाल यादव का नाम लिए बिना कहा, पार्टी के कुछ बड़े नेता सीबीआई से बचने के लिए बीजेपी से मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि यह वक्त चुनाव का है, इसलिए एकजुट होकर सभी लोग पार्टी हित में काम करें। शिवपाल ने यह भी कहा कि मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में वो विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।